दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में कायर आतंकियों ने जिन पर्यटकों की जान ली है, उनमें करनाल का लाल लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भी शामिल है। नौसेना में लेफ्टिनेंट विनय नरवाल पत्नी हिमांशी के साथ घूमने के लिए गए थे। दोनों की शादी छह दिन पहले 16 अप्रैल को डेस्टीनेशन वेडिंग के रूप में मसूरी में हुई थी। हिमांशी गुरुग्राम की रहने वाली हैं। तीन दिन पहले 19 अप्रैल को ही शादी का रिसेप्शन करनाल में हुआ था।
विनय की बुआ माया देवी ने बताया कि रिसेप्शन के बाद ही नवविवाहित जोड़ा हनीमून पर गया था। सेक्टर सात स्थित घर शादी की खुशियों से सराबोर था। मेहमान जा चुके थे। परिवार में शादी की बातें ही चल रही थीं। घर में दादा हवा सिंह पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त है।
पिता राजेश केंद्र के कस्टम विभाग में हैं। मां आशा गृहिणी हैं। दादी बीरू देवी भी गृहिणी हैं। बहन सृष्टि, विनय से छोटी हैं। 26 साल के विनय शादी के लिए छुट्टी पर आए हुए थे। बुआ ने बताया कि परिवार के लोगों को दोपहर में खबर मिली कि पहलगांव में आतंकी हमला हुआ है।
अस्पताल में इलाज के दौरान विनय की मौत
यह सुनते ही परिवार के सभी लोग स्तब्ध रह गए और दुआ करने लगे कि हमारा लाल सुरक्षित रहे। लेकिन, थोड़ी ही देर में फोन पर मनहूस खबर आ गई। बताया गया कि विनय को गोली लगी है। हालत गंभीर है। अस्पताल ले जाया गया है। हिमांशी को भी घायल बताया गया। खबर सुनते ही माता-पिता, रिश्तेदारों के साथ रवाना हो गए। बुआ ने बताया कि अस्पताल में उपचार के दौरान विनय की मौत हो गई। देर रात घर के बाहर काफी लोग पहुंच गए।
सोशल मीडिया पर हमले के बाद का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दिख रहा है कि लेफ्टिनेंट विनय घायल पड़े हैं, जबकि पास बैठी हिमांशी रो रही हैं। फोटो देखकर लोग भावुक हो गए। उधर देर रात विनय के घर के बाहर भी काफी संख्या में लोग पहुंच गए। हर किसी की आंखें नम नजर आई।
विनय के लिए दादा-दादी करते रहे प्रार्थना
परिवार के लोगों ने बताया कि विनय के दादा-दादी को सिर्फ इतना बताया गया है कि पोते को गोली लगी है और उपचार चल रहा है। दोनों घर के अंदर विनय के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। आसपास के लोग अंदर नहीं जा रहे। उनसे कहा गया है कि विनय के बारे में और जानकारी दादा-दादी को अभी न दी जाए।
एक मई को जन्मदिन
- विनय नरवाल का एक मई को जन्मदिन है। परिवार ने खुशी के इस दिन को धूमधाम से मनाने की तैयारी की थी। शादी के बाद यह पहला जन्म दिन होता।
- विनय का परिवार मूल रूप से करनाल के ही गांव भुस्ली का निवासी है। ये लोग काफी समय से सेक्टर सात में रहते हैं। परिवार के लोगों ने बताया कि विनय का
- सपना सेना में जाने का ही था। पढ़ाई के दौरान ही वह इसके लिए तैयारी करने लगे थे। तीन साल पहले वह नौसेना में भर्ती हुए थे।
- विनय कोच्ची में तैनात थे। शादी के लिए छुट्टी पर घर आए थे।
- परिवार में दादा, दादी, माता-पिता और बहन है। बहन सृष्टि उनसे छोटी हैं।
30 से ज्यादा जवान दे चुके बलिदान
वर्ष 1962 भारत और चीन को लड़ाई से लेकर पहलगाम आतंकी हमले तक जिले के 30 से ज्यादा जवान और सैन्य अफसर बलिदान हो चुके हैं। करनाल के सैनिकों ने दुश्मनों को अपने नाम का लोहा मनवाया है। बलिदान होने वाले ये जवान सबसे ज्यादा जाट, सिख व राजपूत रेजिमेंट से हैं। बलिदानियों की इस फेहरिस्त में अब सेक्टर सात के जांचाज विनय नरवाल का नाम जुड़ गया है।
पर्यटकों पर आतंकी हमला, 26 की नृशंस हत्या
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी। 26 मृतकों में ज्यादातर पर्यटक हैं, जबकि दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं।
टीआरएफ ने ली हमले की जिम्मेदारी
हमले में करीब 20 लोग घायल हुए हैं। हालांकि सरकार ने अभी सिर्फ 16 मौतों की पुष्टि की है। वहीं, सुरक्षा एजेंसियों ने देर रात कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है। तीन जुलाई से शुरू होने जा रही श्रीअमरनाथ यात्रा से पहले इस कायराना हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा से जुड़े गुट द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। फरवरी, 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है। उस हमले में सीआरपीएफ के 47 जवान मारे गए थे।
पीएम मोदी सऊदी अरब की यात्रा बीच में छोड़कर लौट आए
मले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की यात्रा बीच में छोड़कर लौट आए हैं। पीएम मोदी ने वारदात की कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह सऊदी अरब से हवाई अड्डे पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक की और पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की स्थिति पर चर्चा की।
पर्यटकों पर की ताबड़तोड़ गोलीबारी
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, बायसरन घाटी में आतंकी दोपहर करीब तीन बजे घास के मैदान में घुस आए, खाने-पीने की दुकानों के आसपास घूम रहे और टट्टू की सवारी कर रहे पर्यटकों पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी।
एनआईए करेगी जांच
यह अब तक नागरिकों के ऊपर सबसे बड़ा हमला है। टीआरएफ वही आतंकी गुट है जो डोडा-किश्तवाड़ क्षेत्र में सक्रिय था। इसमें स्थानीय मददगारों के भी शामिल होने का शक है। हमले की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) करेगी।
मृतकों में यह भी शामिल
1- सुशील नथ्याल, इंदौर
2- सैयद आदिल हुसैन शाह, पहलगाम
3- हेमंत सुहास जोशी, तमी मुंबई
4- विनय नरवाल, करनाल, हरियाणा
5- अतुल श्रीकांत मोनी, डोंबिवली पश्चिम, मुंबई
6- नीरज उधवानी, उत्तराखंड
7- बितान अधिकारी, कोलकाता
8- सुदीप न्यौपाने, नेपाल
9- शुभम द्विवेदी, श्याम नगर, कानपुर सिटी, यूपी
10- प्रशांत कुमार सतपथी, मालाश्वर, ओडिशा
11- मनीष रंजन (आबकारी निरीक्षक), बिहार
12- एन. रामचंद्र, कोच्चि, केरल
13- संजय लक्ष्मण लाली, ठाणे, मुंबई
14- दिनेश अग्रवाल, चंडीगढ़
15- समीर गुहार, कोलकाता
16- दिलीप दसाली, पनवेल, मुंबई
17- जे. सच्चंद्र मोली, विशाखापट्टनम
18- मधुसूदन सोमिसेट्टी, बेंगलुरु
19- संतोष जगधा, पुणे, महाराष्ट्र
20- मंजू नाथ राव, कर्नाटक
21- कस्तूबा गवंटोये, पुणे, महाराष्ट्र
22- भरत भूषण, सुंदर नगर, बेंगलुरु
23- सुमित परमार, भावनगर, गुजरात
24- यतेश परमार, भावनगर, गुजरात
25- तागेहायिंग (वायुसेना कर्मचारी), अरुणाचल प्रदेश
26- शैलेशभाई एच. कलाथिया, सूरत, गुजरात